अब तक हमने प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन और न्यूट्रॉन की खोज तथा उनके गुणों के बारे में पढ़ा है आज हम इससे आगे अध्यन करेंगे


परमाणु में पाए जाने वाले प्रोटोन और न्यूट्रॉन दोनों मिलकर परमाणु द्रव्यमान संख्या का निर्माण करते हैं

और इलेक्ट्रॉन को इसमें शामिल नहीं किया जाता।


क्योंकि इलेक्ट्रॉन का भार बहुत ही कम होता है और उसे नगण्य मान लिया जाता है।अतः परमाणु द्रव्यमान संख्या की परिभाषा निम्न होगी



परमाण द्रव्यमान संख्या ( द्रव्यमान संख्या ) - किसी भी परमाणु में उपस्थित प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन की संख्या के योग को उस तत्व की द्रव्यमान संख्या कहते हैं इसे'A' से प्रदर्शित किया जाता है

इसके लिए निम्न सूत्र काम में लिया जा सकता है


 द्रव्यमान संख्या = प्रोटोन की संख्या + न्यूट्रॉन की संख्या


Note - आवर्त सारणी में बहुत से तत्वों के समस्थानिक भी है और एक ही तत्व के अलग-अलग समस्थानिकों की द्रव्यमान संख्या अलग अलग हो सकती है ।

इसके चलते बाद में द्रव्यमान संख्या की जगह परमाणु द्रव्यमान इकाई (amu) या यूनिफाइड द्रव्यमान को मानक मान लिया गया।


परमाणु द्रव्यमान ईकाई ,atomic mass unit (amu)

- किसी भी तत्व की परमाणु द्रव्यमान ईकाई उस तत्व के प्राकृतिक रूप से उपस्थित सभी समस्थानिकों के औसत द्रव्यमान के बराबर होती है।



परमाणु क्रमांक या परमाणु संख्या (Atomic Number) - किसी परमाणु में उपस्थित प्रोटोन की संख्या को ही परमाणु क्रमांक कहा जाता है और इसे " Z " से प्रदर्शित किया जाता है ।

किसी परमाणु का जितना भी परमाणु क्रमांक होता है वह तत्व आधुनिक आवर्त सारणी में उतने ही नंबर पर उपस्थित होता है ।


जैसे हाइड्रोजन में 1 प्रोटोन होता है अतः हाइड्रोजन का परमाणु क्रमांक 1 है और वह आवर्त सारणी में 1  नंबर पर है 

मैग्नीशियम में 12 प्रोटोन होते हैं अतः मैग्नीशियम का परमाणु क्रमांक 12 है । तथा वह आवर्त सारणी में 12 नंबर पर है। 


परमाणु भार (Atomic mass) - सन 1961 में कार्बन 12 समस्थानिक के 12 वें भाग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानक परमाणु भार मान लिया गया। 


अतः किसी तत्व का परमाणु भार वह आपेक्षिक संख्या है, जो यह प्रदर्शित करता है कि उस तत्त्व का एक परमाणु, कार्बन-12 समस्थानिक के 1/12 भाग से कितने गुना भारी है